अजनबी की दस्तक (कहानी) Horror

   


             "अजनबी की दस्तक"

गांव के बाहरी हिस्से में एक पुराना और सुनसान हवेली था। लोग कहते थे कि उस हवेली में कोई रहता नहीं था, लेकिन रात में वहां से अजीब-अजीब आवाजें आती थीं। कई लोगों ने उस हवेली के पास जाने की हिम्मत की, लेकिन जो गए, वे डर के मारे वापस लौट आए।



एक रात, रोहन नाम का लड़का, जिसने हाल ही में गांव में आकर रहना शुरू किया था, दोस्तों के साथ कहानी सुन रहा था। जब दोस्तों ने हवेली का जिक्र किया, तो रोहन ने इसे महज अफवाह समझा और वहां जाने का फैसला किया। दोस्तों ने उसे मना किया, लेकिन रोहन ने कहा, "डर केवल मन का भ्रम है। मैं जाकर देखूंगा।"


अगली रात, चांदनी रात थी। रोहन टॉर्च लेकर हवेली की ओर बढ़ा। हवेली के पास पहुंचते ही ठंडी हवा का झोंका आया, और उसके शरीर में अजीब सा सिहरन दौड़ गई। हवेली का मुख्य दरवाजा खटखटा हुआ था, जैसे किसी ने हाल ही में खोला हो।



अंदर घुसते ही रोहन ने देखा कि दीवारों पर धुंधले खून के निशान थे। हवेली में अजीब सी बदबू थी। उसने टॉर्च जलाई और चारों ओर देखने लगा। तभी उसे लगा कि कोई उसके पीछे खड़ा है। उसने मुड़कर देखा, लेकिन वहां कोई नहीं था।


जैसे ही वह सीढ़ियों की ओर बढ़ा, अचानक दरवाजा जोर से बंद हो गया। उसकी टॉर्च झपकने लगी। रोहन का दिल तेजी से धड़कने लगा। तभी उसने सीढ़ियों पर धीमे कदमों की आवाज सुनी। वह डरते-डरते सीढ़ियों की ओर देख रहा था, लेकिन वहां कोई नजर नहीं आ रहा था।


अचानक एक आवाज गूंजी, "तुम यहां क्यों आए हो?" आवाज एक औरत की थी, लेकिन वह बेहद ठंडी और डरावनी थी। रोहन ने कांपते हुए कहा, "मैं सिर्फ देखने आया था।"



आवाज ने फिर कहा, "जो यहां आता है, वह लौटकर नहीं जाता।" तभी एक परछाई तेजी से रोहन की ओर बढ़ी। रोहन डर के मारे चीखने लगा, और उसकी टॉर्च हाथ से गिर गई। अंधेरे में वह महसूस कर सकता था कि कोई उसका गला दबा रहा है।


अगली सुबह गांव वाले हवेली के बाहर जमा थे। दरवाजा खुला था, लेकिन अंदर कोई नहीं था। रोहन का कोई निशान नहीं मिला।


लोग आज भी कहते हैं कि रोहन की चीखें हवेली के पास रात में सुनाई देती हैं। और हवेली... आज भी अपनी डरावनी कहानियों के लिए बदनाम है।


क्या आप कभी ऐसी जगह जाना चाहेंगे?

ऐसी ही और कहानियाँ पढ़ने के लिए (EverythingScrool)




Comments

Popular posts from this blog

जीवन में सकारात्मकता का महत्व

Samsung s24 ultra price and functions